Hostel Days: जहाँ नींद, नाश्ता और नसीहत तीनों देर से मिलते हैं!
हॉस्टल डेज /
हमेशा के तरह मै देर से सोया मगर सोने से पहले अपने। रूमटे को कह दिया था कि सुबह जल्दी उठा देना जब सुबह उठता हु तो उससे पूछता हु भाई क्यों नहीं उठाया। वह बोलता है डॉक्टर ने भाड़े चीज़ उठाने से मना किया है | फिर जब मैं मेस पहुंचा खाना खाने तो वह जाके बोला भाई चीनी है वो बोलते है नहीं भईया मेरे पास तो। 2 बिहारी है। राजस्थानी है आप को चाहिए क्या| जब खाना खा कर निकला तो देखा कि एक रजिस्टर लेकर बैठे मेस क्या इंचार्ज थे और। खाने का रिव्यु ले रहे थे मैने अपना। बेसिक डिटेल भर कर लिखा दिया कि मेस का पानी अच्छा है और इंप्रूवमेटन मै लिखा कि दिन पे दिन मिठाई का साइज छोटा हो रहा |फिर जब क्लास गया तो देख रहा मेरी क्लास की लड़की को आधे बॉयज से जड़ा धारी मूंछ है |मेरे एक दोस्त की पापा का नाम लीक होगया है वो 1 महीने से कॉलेज नहीं आ रहा | फ़िर आती है एक हुस्न की बला वो आंखों में। मस्ती हसीन चेहरा देखो तो मान करे देखते ही रहो चेहरे पे एक तिल फिर वही बात हो जाती की वो आंखे कितने भी हसीन क्यों न हो। जबतक तक वह आंखे आप को नहीं देख रही इसका कोई मतलब नहीं एक शायर ने क्या खूब लिखा। अब समझा तेरे रुखसार पे तिल का मतलब हुस्न दौलत पे दरबान बैठा रखा है |हमारे कॉलेज में 75% अटेंडेस चाहिए उससे फैकल्टी की कॉल्स मै जो 25% सिलेबस भी नहीं समझा पाते और। 50%सिलेबस भी नहीं पूरा नहीं पढ़ा पाते
इंजीनियरिंग कॉलेज का हर दूसरा बच्चा ड्रोन बना रहा। और पहला बच्चा क्या कर रहा वो। रोल बना रहा | आज मेस से आते वक्त मेस वाले को बोला भईया चम्मच ले जा रहा वो बोले नहीं आप नहीं ले जा सकते तो मैने चम्मच रख दिया और २ चम्मच लेकर आगया कॉलेज मै एडमिशन लेन बाद इतना लेजी होगया हु कि ब्ल्यू फिल्म देखने बाद हिलने भी नहीं जाता कि इतना मेहनत कौन करे..!
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