Posts

भूख

Image
भूख भूख… ये लफ़्ज़ सुनते ही सबसे पहले याद आता है — पेट की भूख। लेकिन पूरा सच ये है कि इंसान सिर्फ रोटी का भूखा नहीं होता। भूख कई तरह की होती है — और हर भूख में छिपा होता है एक तूफ़ान, एक क्रांति और हिम्मत | --- 🍞 पेट की भूख ये वो भूख है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। ये मौजूद है उन बेबस, लाचार, अनाथ लोगों में — जो दो वक़्त की रोटी के लिए लड़ते हैं। और जिनके पास ज़रूरत से ज़्यादा है, वो दूसरों का हिस्सा भी निगल जाते हैं। पेट की भूख से क्रांति भी जन्म लेती है, और अपराध भी। इसी भूख ने कभी मज़दूर को विद्रोही बनाया, और कभी अमीर को बेईमान। सो जाते हैं फ़ुटपाथ पर अख़बार बिछा कर — मज़दूर, जो नींद की गोली नहीं खाते। --- ❤️ सम्मान की भूख हर इंसान चाहता है कि उसे सुना जाए, कद्र की जाए, पहचाना जाए। ये भूख कभी तारीफ़ की होती है, तो कभी बस “शुक्रिया” सुनने की। जब ये भूख अधूरी रह जाती है, तो इंसान ज़िंदा रहकर भी अंदर से मर जाता है। --- 🧠 ज्ञान की भूख कुछ लोग रोटी से नहीं, सीखने से जीते हैं। हर सवाल का जवाब, हर अंधेरे में रोशनी की तलाश — यही भूख है जो दुनिया को आगे बढ़ाती है। यही भूख कित...

अगर तुम मिलने आजाओ

Image
अगर तुम मिलने आ जाओ, कुछ अधूरी बातें और कुछ अधूरी ख्वाहिशें पूरी हो जाएं। मेरी ज़िंदगी में एक अधूरी मुलाकात रह गई है... कभी हम भी इश्क़ में मुब्तिला हुए थे। अहमद फ़राज़ का शेयर है:- भले दिनों की बात है भली सी एक शक्ल थी न ये कि हुस्न-ए-ताम हो न देखने में आम सी थी  लगता है यह शेयर अहमद फ़राज़ ने मेरे लिए ही लिखे थे   हम ने इजहारे मोहब्बत किया  जवाब हा आया सब ठीक चल रहा था  एक दिन मोहतरमा बोलीं — "आज मार्केट चलते हैं।" तुम्हारा भाई बाइक लेकर निकल गया। निकल तो गए थे, मगर मालूम नहीं था कि क्या करना है।  फिर मोहतरमा ने बोला कि उनकी नेल पॉलिश लेना है तो हम लोग दुकान गया इन्होंने ने बोला कि रेड टाइप मै नेल पॉलिश चाहिए उसने दिखाया फिर बोलती है हल्का रेड उसके बाद बोलते है ब्राउन रेड ऐसे करते करते उन्होंने ने पूरा टेबल भर दिया उससे दिन हमको पता चला कि 10 जड़ा कलर भी होते है फिर उन्होंने ने लिया बेबी पिंक कलर का फिर जाते वक्त  भूख लगने लगा थी ice cream खाने पहुंचे थे भईया ने मीनू दिया मोहतरमा बग़ैर देखे बोलते है। सबसे महंगा वाला भईया चाहिए वह ice cream ...

Hostel Days: जहाँ नींद, नाश्ता और नसीहत तीनों देर से मिलते हैं!

Image
हॉस्टल डेज / हमेशा के तरह मै देर से सोया मगर सोने से पहले अपने। रूमटे को कह दिया था कि सुबह जल्दी उठा देना जब सुबह उठता हु तो उससे पूछता हु भाई क्यों नहीं उठाया। वह बोलता है  डॉक्टर ने भाड़े चीज़ उठाने से मना किया है | फिर जब मैं मेस पहुंचा खाना खाने तो वह जाके बोला भाई चीनी है वो बोलते है नहीं भईया मेरे पास तो। 2 बिहारी है। राजस्थानी है आप को  चाहिए क्या| जब खाना खा कर निकला तो देखा कि एक रजिस्टर लेकर बैठे मेस क्या इंचार्ज थे और। खाने का रिव्यु ले रहे थे मैने अपना। बेसिक डिटेल भर कर लिखा दिया कि मेस का पानी अच्छा है और इंप्रूवमेटन मै लिखा कि दिन पे दिन मिठाई का साइज छोटा हो रहा |फिर जब क्लास गया तो देख रहा मेरी क्लास की लड़की को आधे बॉयज से जड़ा  धारी मूंछ है  |मेरे एक दोस्त की पापा का नाम लीक होगया है वो 1 महीने से कॉलेज नहीं आ रहा | फ़िर आती है एक हुस्न की बला वो आंखों में। मस्ती हसीन चेहरा देखो तो मान करे देखते ही रहो    चेहरे  पे एक तिल फिर वही बात हो जाती की वो आंखे कितने भी हसीन क्यों न हो। जबतक तक ...

जब बिस्तर मां बन जाती है"

Image
  जब जिंदगी से थक हार। कर अपने  4 × 4 के कमरे में जाता हूं  और देखता हु वो गुस्ताख मुंहफट  आईना जो  दिल का अच्छा है  एक छोटी  से अलमारी और एक डेस्क पे पड़े चंद  किताबें जिसे रखे हुए धूल जम रहे। असाइनमेंट की कॉपी जिसे जमा करने की एक दिन पहले रात भर जाग कर बनाया था फिर नजर जाते है अपने बिस्तर पे कभी कभी ऐसा महसूस होता ही की बिस्तर एक मां है मेरे लिए। जब भी उदास होता अकेला पन से हार जाता हु तो इसे मां की गुड मै जाकर। सो जाता हु फिर आंखों का दर्द यह उदासी सब अपने अंदर पी जाती है जब अपने बस्तर पे लेट। चलते फेंके को देखता हु तो महसूस होता है सीए ही मेरे भी जिंदगी हो गए है  जो एक लूप मै फंस गया है सुबह उठो कॉलेज जाओ। ५ /६ क्लास अटेंड करो मसला तो अटेंडेंस  का है वरना कॉलेज जाओ कौन  अभी तो कॉलेज मै एडमिशन ही लिया था  और ऐसा लगता है सो कर उठा हु और मिड टर्म आगया सोचा था कॉलेज जाऊंगा नई नई दोस्त बनाऊंग   ग्रुप मै लड़की रहेंगी मौज मस्ती करूंगा मै मै उसके यादो...

My first Garba Experience??

Today, I want to share my very first Garba experience. Honestly, I didn’t even know it was happening until I found out that it was being held in our college on the American football ground. We have a group called “Friends Forever” (though, as you know, “forever” with college friends is always questionable 😅). On the group chat, someone asked, “Bhai, what should we wear for Garba?” I jokingly replied, “Just come in your college uniform.” Then he asked, “Should we wear our ID cards too?” I said, “Yes, of course!” He even asked, “Do we need to bring our bags?” And the funny thing is—he actually believed it until another friend clarified that I was joking. Later, one of my friends texted me, “Arbaj bhai, can you lend me a kurta?” I didn’t have one, but I gave him my jubba. He went to Garba looking like a proper habibi! As for me, I went in half-pants, a t-shirt, and—by mistake—slippers. That was my biggest regret because almost everyone else was dressed properly. The girls were all in ful...

First Day of collage?

I'll give you a little context for this story. After the 12th grade, I took many entrance exams, but my rank wasn't good, and I also faced some financial issues. Because of this, I took admission to a Tier 69 college. I had to go there urgently for some reason, but I hadn't booked a train ticket. So, I ended up traveling in a general class compartment. Whenever I travel in general class, I realize just how important it is to have a good education and a high-paying job. After a lot of difficulty and changing trains two or three times, my journey of 30 hours finally ended, and I reached my destination. I was starving. As soon as I got off the train, I wanted to eat something non-vegetarian, but all I could see were vegetarian options. I even felt a bit worried for the people who were drinking alcohol there—how could they do it without any non-veg food? Still hungry, I booked a Rapido. It was a good thing that I had changed my T-shirt on the way, because when I finally reached...